पंचकोषी मां नर्मदा मंदिर राजौर में हुआ भंडारा, साधु संत कन्याओं का किया पूजन पुष्प वर्षा की
प्रदीप साहू, खातेगांव: मध्य प्रदेश की जीवनदायनी मां नर्मदा के पावन उत्तर तट राजौर में पंचकोशी मां नर्मदा मंदिर की स्थापना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने वाले, क्षेत्र में लगातार यज्ञ की श्रृंखला को अनवरत जारी रखने वाले मां नर्मदा के परम भक्त 1008 संत श्री रामचंद्र दास मोनी बाबा पंचकोशी मां नर्मदा मंदिर राजौर जो की गत दिनों ब्रह्मलीन हो गए थे।

गुरुवार 21 नवंबर को पंचकोशी नर्मदा मंदिर पर बड़ी संख्या में संत जन कन्याएं साधु समाज एवं संत जनों के आगमन पर मां नर्मदा मंदिर में संतों का स्वागत सम्मान पूजन किया कन्याओं का पूजन किया पुष्प वर्षा की और मोनी बाबा के ब्रह्मलीन होने पर आज भंडारे में भक्ता पहुंचे मां नर्मदा एवं ब्रह्मलीन मौनी बाबा के दर्शन किए श्रद्धांजलि अर्पित की।
राजौर तट पर मौनी बाबा पंचतत्व में विलीन हुए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा को प्रणाम कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मौनी बाबा ने अंचल में लागातार यज्ञ की परंपरा का निर्वहन किया और क्षेत्र में 79 यज्ञ संपन्न कराये। लगातार 100 यज्ञ का संकल्प बाबा का था ऐसा भक्तों ने बताया।
बाबा के संकल्प को पूरा करने के लिए दादाजी धूनी वाला दरबार शामला हिल्स भोपाल के साधक संत दादा भाई ने ग्राम वासियों के सहयोग से शिष्य परिवार के साथ देश-विदेश में होने वाले शत चंडी यज्ञ के शुभारंभ के लिए मां नर्मदा के तट की घोषणा की और कहा कि यज्ञ की परंपरा को क्षेत्र में बनाए रखने का कार्य मोनी बाबा की स्मृति में किया जाएगा नर्मदा मंदिर राजौर तट पर भी यज्ञ किया जाएगा। गुरुवार को विभिन्न स्थानों से संत जन पहुंचे और विधि विधान के साथ भंडारे में शामिल हुए।