Khategaon Ki Khabar: भगवान की पूजा, जप, तप सब करते रहो, लेकिन उनसे कभी कुछ मांगो मत ,अगर मांगना ही पड़े तो भगवान को ही मांग लो : पंडित कैलाश चंद्र तिवारी

प्रदीप साहू, Khategaon Ki Khabar: भगवान की पूजा, जप, तप सब करते रहो, लेकिन उनसे कभी कुछ मांगो मत, अगर मांगना ही पड़े तो भगवान को ही मांग लो। जिस प्रकार केवट ने भगवान की भक्ति से भगवान को प्राप्त किया केवट ने भगवान की नाव को गंगा मैया के पर लगाया और कहा कि है भगवान मैं आपको नव से पार कर रहा हूं आप मुझे भवसागर से पार कर देना। मंगलवार को पंडित कैलाश चंद्र तिवारी (वृंदावन) के मुखारविंद से श्री रामचरित मानस के केवट प्रसंग की सविस्तार व्याख्या से श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।

Khategaon Ki Khabar

पंडित तिवारी ने कहा कि जीवन में भगवान श्री राम के चरित्र का चिंतन करना चाहिए किस प्रकार तीन लोक के नाथ श्री राम के साथ भी कालचक्र स्थिति पर स्थिति को विषम बना देता है जब नाव से गंगा मैया को पार करने के लिए निषाद राज केवट को भेंट देने के लिए भी कुछ नहीं था तीन लोग के नाथ के साथ यह घटना हुई इसलिए धन का अभियान नहीं होना चाहिए जी धन से जरूरतमंद की सेवा ना हो वह धन बेकार है यदि आपके पास धन है तो परमात्मा के कार्य में अवश्य लगाना चाहिए और यह कार्य लगातार खातेगांव नगर में वरिष्ठ जन सेवा कल्याण संस्था कर रही है।

कथा परिसर मिडिल स्कूल में मंगलवार को समाप्त हो रहे अंग्रेजी वर्ष की बिदाई एवं नववर्ष के शुभागमन की मंगल बेला में खातेगांव के निराश्रित बुजुर्गो की सेवा में सतत रत वरिष्ठ नागरिक सेवा जनकल्याण संस्था खातेगांव द्वारा संगीतमय श्री राम कथा रसवर्षा का अनुपम आयोजन किया जा रहा है। व्यास पीठ पर कथा व्यास पंडित कैलाश चंद तिवारी क्षेत्र के भागवत रन पंडित राजराजेश्वर शास्त्री पंडित धर्मेंद्र व्यास, मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ खातेगांव ब्लॉक अध्यक्ष प्रभारी प्रदीप साहू, नारायण उज्जैनिया कथा के यजमान सरोज खंडेलवाल ने परिवार सहित पूजन कर आशीर्वाद लिया गुरुदेव का सम्मान किया इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिक मंच के सभी पदाधिकारी एवं गणमान्यजनों ने भी व्यास पीठ का पूजन कर कथा श्रवण की।

केवट प्रसंग पर नम हुई आंखें

कथा व्यास पंडित कैलाश तिवारी के द्वारा संगीत में श्री राम चरित्र मानस कथा का रसपान कराते हुए कथा के दौरान केवट प्रसंग को बड़े ही अद्भुत तरीके से रसपान कराया केवट प्रसंग सुनकर भक्ति श्रद्धालुओं की आंखें नम हुई केवट प्रसंग में किस प्रकार निषाद राज केवट अपने जीवन के उन अनमोल चरणों को भगवान श्री राम के साथ व्यतीत करता है और भगवान से कहता है है प्रभु मेरा जीवन सार्थक हुआ।

भगवान को नव में बैठकर केवट गंगा मैया की बार-बार परिक्रमा करता है तब भगवान श्री राम कहते हैं केवल नव को किनार पर क्यों नहीं ले जाते तब केवट कहते हैं भगवान अभी सात बांधनी हुए हैं आप 84 में घूमते हो बड़ा ही सुंदर प्रसंग कथा के दौरान सुनने को मिला भगवान श्री राम की राम कथा सुनकर रोम-रोम में भक्ति जागृत होती है।

Leave a Reply