श्री श्याम गौशाला परिसर में चल रही भागवत ज्ञान गंगा में पं. कपिल नारायण व्यास

प्रदीप साहू, Khategaon News: घमंड ना देवराज इंद्र का रहा ना लंकाधिपति रावण का, घमंड और परिग्रह की वृत्ति सदैव व्यक्ति के मन को असंतुष्टि की ही राह दिखाती है, मनुष्य को चाहिए कि वह इस वृत्ति से परे रहे, तभी वह संतुष्टि का अनुभव कर सकता है। याद रहे संतुष्ट मन ही हमारा सच्चा धन और दुनिया की सबसे बड़ा धन है।
उक्त प्रेरक उदगार व्यास पीठ से कथा वाचक पंडित कपिल नारायण व्यास ने व्यक्त किए। श्री श्याम गौशाला परिसर मुखर्जी गार्डन खातेगांव में चल रही संगीतमय श्री भागवत ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिवस पंडित व्यास ने कहा कि किस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने देवराज इंद्र के घमंड को चूर कर गिरिराज धरण सरकार के अपने अद्भुत महामत्य पर विस्तृत प्रकाश डाला गया, कथा में बाल गोपाल गौ सेवकों द्वारा भगवान की लीलाओं का भी सजीव मंचन किया जा रहा है। कथा वाचक पंडित श्री कपिल नारायण व्यास के मुखारविंद से प्रतिदिन उपस्थित श्रद्धालुजनों को कथा का नित्य रसपान कराया जा रहा है।

पंचम दिवस की कथा में भगवान की बाल लीलाओ के साथ कालिया नाग मर्दन, पूतना वध और गोवर्धन कथा से रसविभोर किया गया।। कथा का समापन मंगल आरती व गौ आरती से किया गया।। गौ सेवक लालू यादव, शोभित यादव ने बताया कि गौशाला की गौ माताओं जिसमें दुर्घटनाग्रस्त गौ माताओं का भी सतत आगमन होता है, जिसकी देखरेख फिलहाल हमारी बाल गोपालों की लगनशील टीम जन सहयोग के माध्यम से तय करती है।